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जानिए सियार सिंगी के फायदे साधना कैसे करें देखें पूरी जानकारी गीदड़ सिंगी चमत्कारी धन सुख प्रदायक

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जानिए सियार सिंगी के फायदे साधना कैसे करें देखें पूरी जानकारी गीदड़ सिंगी चमत्कारी धन सुख प्रदायक क्या आप जानते हैं कि प्राचीन काल में घर में कई शुभ वस्तुएं रखी जाती थीं, उनमें से एक सियार सिंगी (Siyar Singhi) भी है। इन दिनों हर कोई ज्योतिष विज्ञान जानने का दावा करता है और कहीं से पढ़कर इस तरह की वस्तुओं के संग्रह की सलाह देता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि सियार सिंगी क्या है और इसे घर में रखने के क्या लाभ (Siyar Singhi Benefit) हैं? व्यापार (लक्ष्मी बंधन) दूर करने और धन योग उदय का सरल उपाय आजकल एक समस्या अक्सर सुनने को मिलती है या जिसका समाधान अक्सर पूछा जाता है वो है व्यापार या लक्ष्मी बंधन का। लोग कहते हैं की अच्छा खासा चलता बिजनेस या दुकान अचानक से ठप हो गयी। इन्कम कम हो गयी। रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो रहा है। यह सिर्फ बिजनेस वालो की नहीं नौकरी वालों की भी समस्या होती है की अचानक ऑफिस में माहौल और सम्बन्ध बिगड़ जाते हैं तनख्वाह कट जाती है किसी नुकसान का जिम्मेदार आपको ठहरा दिया जाता है। जो पैसे मिलते है उसमे आवश्यकता पूर्ति नहीं हो पाती जबकि उतने ही पैसों में पहले जिन्दगी आराम से चल रही थी। अक्सर लोगों को पता भी होता है की उनके इस कठिन समय के लिए कौन जिम्मेदार है या किसने ये किया कराया है तो कई बार वे इससे बिलकुल अनभिज्ञ रहते हैं। मित्रों, एक अचूक अति प्राचीन शास्त्रों मे वर्णित विधी आपके समक्ष साझा कर रहा हूं, जिन्हें करके आप इस मुसीबत से छुटकारा पा सकते हैं इससे न सिर्फ व्यापार या लक्ष्मी का बंधन कटेगा बल्कि धनागम भी सुचारू और बेहतर होगा साथ ही नियम पूर्वक करने पर धन योग उदय का भी आनंद लेंगे। वैसे तो ये प्रयोग नवरात्र या दीपावली पर करना अधिक प्रभावी होता है पर जब पैसे के लाले पड़े हों तब कोई इतना लम्बा इंतजार कैसे करेगा और ये चीज तुरंत खोलनी चाहिए। यह प्रयोग आप किसी भी पक्ष की अष्टमी अथवा किसी भी शुक्रवार के दिन एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर एक लाल वस्त्र बिछाएं। उस पर माँ काली का एक विग्रह या चित्र स्थापित करें। पाटे या चौकी के चारों कोनो पर एक एक उड़द की ढेरी बना कर उस पर एक एक लघु नारियल स्थापित करें। माँ के चारों ओर उड़द और चावल की पांच ढेरियाँ बनाकर प्रत्येक पर 3-3 गांठ काली हल्दी की रखें और दो-दो गोमती चक्र चढ़ाएं। विग्रह के सामने तीन मुट्ठी अक्षत और सवा मुट्ठी उड़द की ढेरियाँ बनायें। चावल वाली ढेरी पर सियार सिंगी का जोड़ा और उड़द वाली ढेरी पर हत्था जोड़ी स्थापित करें। चमेली या तिल के तेल का दीपक जलाएं। अब भगवान श्री गणेश जी का पूजन कर प्रार्थना करें की आपका ये अनुष्ठान सफलता पूर्वक संपन्न हो और आपके सभी कष्ट दूर हों। फिर मां और सभी वस्तुओं की पंचोपचार पूजा करें। चन्दन की धूप या धूनी जलाएं। मां को खीर का भोग अर्पित करें। निम्न मन्त्र की 11 माला करें। ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं फट स्वाहा। ॐ किली किली स्वाहा। इस प्रकार उक्त सामग्री यूं ही रहने दें। आगे 10 दिन तक 11 माला करें। अंतिम दिन पुनः खीर का भोग लगायें बिच के दिनों में बर्फी पैडा या ड्राई फ्रूट आदि का भोग लगा सकते हैं। 11वें दिन उक्त सारा सामान अर्थात सियार सिंगी, हत्था जोड़ी, काली हल्दी और प्रत्येक धेरी में से एक गोमती चक्र को उठाकर एक चांदी की डिब्बी में सिंदूर भर कर रख लें। लाल कपडे को अपने गल्ले में निचे बिछा दें और पैसे उसके ऊपर या उसमे लपेट कर रखें। अन्य सभी सामग्री अर्थात चावल उड़द खिचड़ी, प्रत्येक ढेरी पर बचे हुए एक गोमती चक्र और लघु नारियल को एक काले कपडे में लपेट लें और अपनी दुकान प्रतिष्ठान गल्ले के ऊपर से 21 बार घडी की उलटी दिशा में उतार कर नदी में प्रवाहित कर दें। उक्त प्रयोग के बाद यदि आप उक्त मन्त्र को प्रतिदिन ३ माला 6 माह तक नियमित रूप से कर लें तो आपको स्वयं ही अनुभूति होगी की धनागमन हो रहा है। नोट या पैसे आसमान से नहीं बरसेंगे बल्कि आपको कम मेहनत में भी अच्छा खासा लाभ होगा। मित्रों ये बेहद प्रभावी और कारगर उपाय है। इसके करने से न सिर्फ व्यापार और लक्ष्मी का बंधन खुलेगा बल्कि कुछ ही वक्त में धन का अवागमन सुचारू हो जायेगा साथ ही आपके शत्रुओं के पूर्व में किये और भविष्य में किये जाने वाले सभी टोटके आदि भी निष्फल हो जायेंगे।

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