राहू और केतु क्यों देते है कष्ट ?जन्म कुंडली के द्वादश भाव में BY NARMDESHWAR SHASTRI [278]
प्रिय दर्शकों राहू और केतु का नाम काफी डराने के लिए और ये सत्य भी है की ये जब भी जिन्दगी में प्रवेश करते है हमें परेशान कर देते है | प्रिय दर्शकों कार्यक्रम में मैंने ऐसा कहा है की राहु और केतु कुल आठ भावों को प्रभावित करते है जबकि सामान्यतः देखा जाये तो तीन दृष्टि राहु की और तीन केतु की इस हिसाब से 6 भाव को ही प्रभावित किया | लेकिन राहु केतु एक होते हुए भी इन्हें अलग महादशा प्राप्त है और ये दोनों एक दुसरे के सामने रहते है तो जहा ये बैठेंगे उस भाव को दुगना नुकसान देते है | इसी के कारन मैंने आठ भावों को प्रभावित करते है ऐसा कहा है | तीन दृष्टि और एक जहा बैठेगा |
PT.NARMDESHWAR SHASTRI
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Please watch: "चन्द्र-शनि युति विष योग या सन्यास योग ?(सवाल आपके जवाब हमारे) BY NARMDESHWAR SHASTRI [398]"
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