उपनयन संस्कार” वा “जनेऊ संस्कार” एकटा महत्वपूर्ण वैदिक संस्कार छी, जाहि में बालक के विद्याभ्यास आर अध्यात्मिक जीवन में प्रवेश करायल जाइत अछि। एही संस्कार में गुरु सऽ गायत्री मंत्र दीक्षा भेटैत अछि आ बालक ब्रह्मचारी बनैत अछि। ई संस्कार खास कऽ ब्राह्मण, क्षत्रिय आ वैश्य जातिक लोक में प्रचलित अछि।उपनयन संस्कार मिथिला संस्कृति में विशेष पावन अवसर मानल जाइत अछि, जाहि में परिवार आ समाजक लोक सभ सेहो सहभागी होइत छथि।