सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी तांगेवाला एक देशभक्ति से ओत-प्रोत रचना है, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष और बलिदान को दर्शाया गया है। कहानी का नायक एक तांगेवाला है, जो सामान्य दिखने वाले व्यक्तित्व के बावजूद भीतर से एक सच्चा क्रांतिकारी है। वह अपने तांगे में बैठने वाले यात्रियों को स्वतंत्रता संग्राम की कहानियाँ सुनाकर उनमें देशभक्ति की भावना जगाता है।
ब्रिटिश सरकार के विरोध में उसकी निडरता और साहस उसे एक असाधारण स्वतंत्रता सेनानी बनाती है।उसका चरित्र साधारण जनता के भीतर छिपे असाधारण संघर्ष और बलिदान को उजागर करता है। कहानी के माध्यम से लेखिका ने बताया है कि स्वतंत्रता संग्राम में न केवल बड़े नेता, बल्कि आम लोग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।#स्वतंत्रता_संग्राम
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