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वीडियो जानकारी: 20.02.24, वेदान्त संहिता, ग्रेटर नॉएडा
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने पुरुष और स्त्री के संबंधों, वासना, और समाज में नैतिकता के दबाव पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि समाज में वासना को जागृत करने वाले कई तत्व हैं, जैसे फिल्में और कहानियाँ, जो लोगों को यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि उन्हें विपरीत लिंगी की आवश्यकता है। आचार्य जी ने यह भी कहा कि यह एक मिथ्या धारणा है कि किसी पुरुष या स्त्री की मौजूदगी से ही जीवन में पूर्णता आती है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि असल में, हमें अपने भीतर की इच्छाओं और आवश्यकताओं को समझना चाहिए और बाहरी सहारे की बजाय आत्मनिर्भरता पर ध्यान देना चाहिए।
आचार्य जी ने यह भी बताया कि समाज ने हमें यह सिखाया है कि बिना किसी साथी के जीवन अधूरा है, जबकि असल में, हमें अपने जीवन को एक बड़े उद्देश्य की ओर मोड़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल शारीरिक संबंधों से दूर रहना नहीं है, बल्कि यह आत्मज्ञान और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना है।
प्रसंग:
~ हम हमेशा अकेलापन क्यों महसूस करते हैं?
~ अकेलापन कैसे दूर करें?
~ अकेलापन मिटाने का क्या उपाय है?
~ क्या शादी कर लेने से अकेलापन दूर हो जाएगा?
~ क्या मन को अकेले रहने में शांति मिलती है?
~ अकेला रहना अच्छा क्यों लगता है?
~ अकेलेपन से बाहर कैसे निकलें
संगीत: मिलिंद दाते
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