اعوذ باالله من الشيطان الرجيم
بسم الله الرحمن الرحيم
وامابنعمة ربك فحدث
(अपने रब की नेमत बयान करते रहो)
اذا سرتك حسنتك وسائتك سيئتك فأنت مؤمن
(जब तुमहे तुम्हारी नेकी ख़ुश करे ओर तुम्हारी बुराई तुम्हे ग़मगीन करे तो समझलो तुम मोमिन हो)
हज़रत शेख़ुलहदीस मुहद्दिसुल अस्र
मोलाना यूनुस रहमतुल्लाहि अलयहि
से बन्दे ने बीस बरस पेहले
सन 2000 मे जमात के साथ मुलाक़ात की
हज़रत ने फरमाया
जमात मे कोइ हाफिज़ हे?
हम दो साथी खडे हो गये
फरमया बेठ जाओ
मे खडे होने के लिये नही केहरहा,
फरमाया बच्चो नमाज़ मे खूब क़ुरान शरीफ पढो
तुम्हे अल्लाह ने बडी दोलत अता फरमाई हे
फरमाया
मे हाफिज़ नही हूॅ
मे हाफिज़ नही हूॅ
तुम हाफिज़ हो नमाज़ मे ख़ूब क़ुरआन शरीफ पढो,
इस मुलाक़ात के बाद
ना जाने कितने हाफिज़ो को मेने ये दावत दी केह सुन्नतों मे ख़ूब क़ुरआन शरीफ पढो
अब 6 सफर 1442 हिजरी
24 सितम्बर 2020
मे आज हज़रत की नसीहत
ओर हाफिज़ो को दावत देने की बरकत से
अल्लाह तआला ने अपने
फज़्ल से बन्दे पर
ये ऐहसान फरमाया
के ज़ोहर मग़रिब की सुन्नतों मे
ऐक सो बीस दिन मे
बन्दे के दो कलाम पाक पूरे होरहे हें
अल्लाह तआला बेहद क़ुबूल फरमाऐ
ओर बार बार
अपने कलाम पाक को पूरा करते रेहने की
तोफीक़ अता फरमाऐ
आमीन सुम्मा आमीन,
हाफिज़ो को पेहले मेरी दावत इलमी थी
अब उनको मेरी दावत अमली हे
के वो सुन्नतों मे क़ुरआन शरीफ मुकम्मल करें
इस्से हमारी नमाज़ भी कामिल हो जाऐगी
ओर कलाम पाक भी याद हो जाऐगा,
दुआओं का तालिब
सय्यद मुहम्मद सुफयान
इबने मोलाना हकीम सय्यद ग़ुफरानुल हक़
इबने हकीम सय्यद लियाक़त हुसैन गंगोही रहिमाहुमुल्लाह
कुतुब ख़ाना फेज़ मुहम्मद सल्लललाहु अलयहि वसल्लम
गंगोह
मदरसा फेज़ मुहम्मद सल्लललाहु अलयहि वसल्लम गंगोह
काज़मी दवाख़ाना गंगोह
शेर अली मस्जिद मेहल्ला कोटला गंगोह