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वीडियो जानकारी: 28.10.23, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा
Title : गृहणी होना बेहतर है, या कामकाजी महिला? || आचार्य प्रशांत (2023)
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
1:05 - गृहिणी और कामकाजी महिला में से श्रेष्ठ कौन?
1:55 - जीवन में स्वावलंबन कैसे अर्जित करें?
10:34 - महिलाओं के प्रति गलत धारणाएँ
18:27 - दुनियादारी की बेहतर समझ कैसे विकसित करें?
20:21 - दबाव और जकड़ी हुई ज़िंदगी में से मुक्ति कैसे पाएँ?
24:00 - वैदिक स्त्री का स्वरूप और गुण
33:48 - लिंग और शिक्षा का संबंध
41:33 - महिलाएँ वास्तविक अध्यात्म से क्यों बचती हैं?
49:49 - भजन
53:56 - समापन
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने महिलाओं की स्थिति और उनके अधिकारों पर एक गहन और विचार-provoking चर्चा की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाहरी स्वतंत्रता का कोई मूल्य नहीं है जब तक कि आंतरिक स्वतंत्रता न हो। आचार्य जी ने बताया कि समाज में महिलाओं का शोषण अक्सर उनके परिवार के पुरुषों द्वारा होता है, और यह पितृसत्तात्मक व्यवस्था में महिलाओं का भी स्वार्थ होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं की स्थिति पहले बहुत बेहतर थी, लेकिन समय के साथ यह बदल गई है। आचार्य जी ने महिलाओं को अपने आत्म-सम्मान और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी, और बताया कि अध्यात्म ही उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है।
इस वीडियो में आचार्य जी ने न केवल महिलाओं के अधिकारों की बात की, बल्कि उन्हें अपने भीतर की शक्ति को पहचानने और समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए भी प्रेरित किया। यह एक ऐसा सत्र है जो हर महिला को अपनी आवाज़ उठाने और अपने हक के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करेगा।
प्रसंग:
~ महिलाओं के लिए स्वावलंबन क्यों आवश्यक है?
~ अपनी रोटी खुद अर्जित करना क्यों ज़रूरी है?
~ इस जगत में सब रिश्तें स्वार्थ के क्यों होते हैं?
~ क्यों किसी से एक रूपया नहीं लेना चाहिए?
~ क्यों दुनिया में कुछ भी मुफ्त लेना सही नहीं है?
संगीत: मिलिंद दाते
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