अर्जुन और सुधन्वा का युद्ध: जब कृष्ण भक्ति की शक्ति को परखा गया | Premanand Ji Maharaj
क्या नाम जप की शक्ति असंभव को भी संभव बना सकती है? क्या एक भक्त, जिसके मुख से निरंतर भगवान का नाम निकलता है, देवताओं और योद्धाओं को चुनौती दे सकता है?
ये कहानी है सुधन्वा जी की, जिनकी भक्ति और साहस ने अश्वमेध यज्ञ के दौरान अर्जुन जैसे महान योद्धा को चुनौती दी। चंपापुरी राज्य के राजा हंसध्वज के पुत्र, सुधन्वा, केवल एक योद्धा ही नहीं, बल्कि भगवान के अद्भुत भक्त थे।
युद्ध के मैदान में जब अर्जुन ने अपनी प्रत्यंचा चढ़ाई, तब सुधन्वा ने निर्भयता से कहा, "हे पार्थ! तुम्हारी विजय का कारण तुम्हारे सारथी श्रीकृष्ण हैं। उनके बिना तुम मेरे सामने टिक नहीं सकते।"
इस कथा में केवल युद्ध नहीं, बल्कि वह अनोखा चमत्कार भी है जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। उबलते तेल की कड़ाही में डाले जाने पर भी सुधन्वा का एक रोम तक नहीं जला। उनके मुख से निरंतर "श्री कृष्ण, श्री कृष्ण" का जाप ही उनकी रक्षा का कारण बना।
क्या सुधन्वा की भक्ति अर्जुन को परास्त कर पाएगी? क्या भगवान श्रीकृष्ण उनके दर्शन देंगे? और क्या इस घटना से हमें भी भक्ति का सच्चा अर्थ समझने को मिलेगा?
इस अद्भुत कथा को जानने के लिए, वीडियो को अंत तक देखें। जब कृष्ण भक्ति की शक्ति को परखा गया — एक ऐसी कहानी जो आपके जीवन को बदल देगी।