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टेक:- हे भगवान इस दुनियां में जी लागे ना मेरा, हो मने अपने पास बुला ले, सह लिया कष्ट भतेरा ।।
1. हे कष्ट पड़ा था हरिशचंद्र पे, हे भरा नीच घर पाणी, हे काशी के माह तीनों बिक गये, लड़का राजा राणी ।। टेक....
2. हे कष्ट पड़ा था नल राजा प, हे हार निगल गई खूंटी, हे धन माया के कोले होंगे, बात नहीं थी झूठी ।। टेक....
3. हे कष्ट पड़ा था प्रहलाद भक्त पे, हे सुन कुम्हरे की वाणी, हे आवै के माह बच्चे तडफे, हे बर्षा शीतल पाणी ।। टेक....
4. हे कष्ट पड़ा था मोरध्वज पे, ली थी परीक्षा भारी, हे लड़के ऊपर आरा धर के, खिंचे राजा राणी ।। टेक ...
5. हे कष्ट पड़ा था नरसी भक्त पे, हे सुन समधन की वाणी, हे कृष्ण जी ने भात भरा, हे जब होगी अमर कहानी ।। टेक...
6. हे कहत कबीर सुणो भई साधो, इन संतो की वाणी, हे जब जब भीड़ पड़ी भक्तों पे, आप उबारण आये ।। टेक....
जय श्री राम