पार्ट–1 गूटी विधि से आम के नए पौधे कैसे तैयार करे। कृपया तीनों पार्ट देखें।
आम के उन्नत प्रजातियों के ग्राफ्टिंग पौध तैयार करने के लिए जहां उन्नत किस्मों के मातृ पौधों की जरूरत होती है वही बीजू पौधों को तैयार करने के लिए देशी या किसी भी किस्म के आम के गुठलियों (किसुली) की जरूरत पड़ती है। लेकिन बीते सालों में सरकारी और गैर सरकारी नर्सरियों को आम के जो गुठली बीजू पौधे तैयार करने के लिए मिल रहे हैं उनमें केवल 10 प्रतिशत ही जमाव हो पा रहा है बाकी 90 प्रतिशत गुठलियों में जमाव नहीं होता है। इसका महज यही कारण है की आज के दौर में आम को 80 प्रतिशत कार्बाइड या अन्य खतरनाक कैमिकल से पकाया जा रहा है। इसकी वजह से अपरिपक्व गुठलिया नर्सरी में नहीं उग पा रही है। इस वजह से उन्नत किस्मों के मदर प्लांट होने के बावजूद बीजू पौधों की कमी होने से ग्राफ्टिंग पौधे नहीं तैयार हो पा रहें हैं। इसकी वजह से नर्सरियों में मांग की अपेक्षा पौधे नहीं तैयार हो पा रहें हैं और नर्सरियों में पौधों की शॉर्टेज बनी रहती है। इस दशा में लीची, अमरूद, संतरा, नींबू, मौसम्मी, अंजीर के तर्ज पर आम के उन्नत किस्मों के पौध भी गूटी विधि से तैयार किए जा सकते हैं। यह पौधे ग्राफ्टिंग पौध की अपेक्षा पहले साल से ही फल देने लगते है, लेकिन हमें आम के पौधे से तीसरे साल से फल लेना चाहिए।
इस विडियो में हम गूटी विधि से आम के नवीन पौधे तैयार करने के विधि के बारे में जानकारी दे रहें हैं। यह वीडियो 3 पार्ट में होगा इस लिए तीनो पार्ट देखें तभी विडियो समझ आएगा।