शिवलिंग की आधी परिक्रमा इसलिए की जाती है क्योंकि शिवलिंग को शिव और शक्ति दोनों की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, और जलाधारी को लांघना अशुभ माना जाता है.
यहां कुछ और महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं:
शिवलिंग का अर्थ:
शिवलिंग शिव और शक्ति दोनों की सम्मिलित ऊर्जा का प्रतीक है.
जलाधारी:
शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल जिस स्थान से निकलता है, उसे जलाधारी कहते हैं.
धार्मिक मान्यता:
शास्त्रों में जलाधारी को लांघना घोर पाप माना गया है.
परिक्रमा का तरीका:
शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा बाईं ओर से शुरू करनी चाहिए और जलाधारी के आगे निकले हुए भाग तक जाकर फिर पीछे की दिशा में लौटकर दूसरी ओर से परिक्रमा पूरी करनी चाहिए.
अन्य नियम:
शिवलिंग की परिक्रमा करते समय दिशा का ध्यान रखना भी बहुत आवश्यक होता है.
शिवजी की प्रतिमा की परिक्रमा:
शिवजी की प्रतिमा की पूरी परिक्रमा की जा सकती है.
शिव कथा
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