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गजानन माधव मुक्तिबोध का जीवन दर्शन और उनकी काव्य दृष्टि । muktibodh ka jivan darshan |hindi sahitya

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मेरी वेबसाइट 'हिंदी शिखर' का यूआरएल : https://www.hindishikhar.com/ मेरी वेबसाइट 'हिंदी अदब' का यूआरएल : https://www.hindiadab.com मेरे टेलीग्राम चैनल का लिंक : https://telegram.me/+r-vvOjFcwmoyMWE9 #राजपालहिंदीशब्दकोशडॉहरदेवबाहरी:https://amzn.to/3Reocyg #हिंदीसाहित्यमुक्तिबोधगजाननमाधवमुक्तिबोधकाजीवनदर्शनऔरउनकीकाव्यदृष्टिMuktibodh गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म श्यौपुर, ग्वालियर (मध्यप्रदेश) में 13 नवंबर, 1917 को हुआ । सन 1938 में इन्होंने होल्कर कॉलेज इंदौर से बी. ए. किया । सन 1954 में नागपुर विश्वविद्यालय एम.ए. से किया । उसके चार वर्ष बाद सन् 1958 में वे राजनांदगांव के दिग्विजय कॉलेज में अध्यापक हो गए और अंत तक वहीं रहे । 11 सितंबर, 1964 को इनकी मृत्यु हुई । मुक्तिबोध हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे । उन्हें प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच का एक सेतु भी माना जाता है । प्रमुख कृतियाँ : कामायनी : एक पुनर्विचार, नई कविता का आत्म-संघर्ष तथा अन्य निबंध, नए साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र, समीक्षा की समस्याएँ, चाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरी-भूरी खाक धूल, एक साहित्यिक की डायरी, काठ का सपना, विपात्र, सतह से उठता आदमी, मेरे युवजन मेरे परिजन, भारत : इतिहास और संस्कृति, जब प्रश्नचिह्न बौखला उठे आदि हैं । #upschindiliteratureoptional #हिंदीसाहित्यमुक्तिबोधगजाननमाधवमुक्तिबोधकाजीवनदर्शनऔरउनकीकाव्यदृष्टिMuktibodh #gajananmadhawmuktibodh #muktibodh #muktibodhkaajiwandarshan #muktibodhkikavyadrishti #muktibodhkakavya #bhoopendrapandeyhindichannel #besthindichannelinyoutube #muktibodhaurunkakavya #गजाननमाधवमुक्तिबोध #गजाननमाधवमुक्तिबोधकाजीवनदर्शन #गजाननमाधवमुक्तिबोधकीकाव्यदृष्टि #muktibodhkikavyagatvisheshtaen

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