हम सुख के लिए कर्म करते हैं पर हमें दुख क्यों मिलता है#aniruddhacharyajimaharajkatha
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श्री अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज की भागवत कथा में आज सरवन पान करने को मिलाएगी व्यक्ति सोचता है कि हम एक निश्चित टाइम में सुख प्राप्त हो जाएगा शादी हो जाएगी तब सुख मिलेगा बच्चे हो जाएंगे तब सुबह मिलेगा जब नौकरी लग जाएगी तब सुख मिलेगा लेकिन सिर्फ उसे मिलता नहीं आई जानते हैं इस कथा के माध्यमिक की सुख होता है कि नहीं और कैसे प्राप्त होता है