थाती पूजन रवाईं घाटी का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार, जो कि 5 से 7 साल बाद आयोजित होता है, हर गांव अपने समय के अनुसार आयोजित करता है, जिसमें ग्रामीण गांव की खुशहाली एवं समृद्धि के लिए अपनी कुल देवी ,वन देवियों एवं पांडवों की सामूहिक पूजा करते हैं इसके साथ 7 दिनों तक लगातार पांडव नृत्य के साथ विशेष रूप से पूजा होती है ।
पहले दिन थाती माता को विधि पूर्वक खोला जाता है जिसका एक पत्थर प्रतीक चिन्ह होता है, और आखिरी दिन विधि पूर्वक बंद कर दिया जाता है, इस थाती पूजन के लिए पूजारी भी विशेष होते है, बिना किसी भूल चुक के पूरी पवित्रता से इस कार्यक्रम को पूर्ण किया जाता है इस थाती पूजन में नए नए पशवा भी अवतरित होते हैं । यह रवाईं घाटी का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है और यह हमारे पहाड़ की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है ।
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