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वीडियो जानकारी : 22.09.2024, संत सरिता, ऋषिकेश
Title: Kya bhakti mei sawaal nhi puchne chahiye? || Acharya Prashant
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
0:03 - संत मीराबाई का उदाहरण और निर्गुणी भक्ति
0:19 - मीराबाई की अद्भुत प्रतिभा और खतरे
1:40 - परमात्मा को पति मानने के खतरे
5:00 - ऊँचे व्यक्तित्व की पसंद और विवाह
8:44 - ऊँची बातें और विवाह में कठिनाई
12:20 - भक्ति में प्रश्न पूछने की आवश्यकता
14:23 - भक्त और भक्ति का सही अर्थ
15:51 - रस का सही अर्थ और अहंकार का टूटना
17:39 - समापन
विवरण:
इस वीडियो में, आचार्य जी एक प्रतिभागी के प्रश्न का उत्तर देते हैं जो संत मीराबाई की भक्ति के उदाहरण को समझने के बारे में। प्रतिभागी यह जानना चाहते हैं कि यदि निर्गुणी भक्ति ही निर्दोष है, तो मीराबाई की कृष्ण भगवान की भक्ति को कैसे समझा जाए। आचार्य जी इस बात पर जोर देते हैं कि मीराबाई की अद्भुत प्रतिभा थी, जिससे उन्होंने कृष्ण के साथ एक सगुण संबंध स्थापित किया, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि क्या यह प्रतिभा आप में है।
वे यह भी बताते हैं कि भक्ति में प्रश्न पूछना आवश्यक है। यदि आप भक्ति में सवाल नहीं पूछते हैं, तो आप अंधी भक्ति में चले जाएंगे। आचार्य जी यह स्पष्ट करते हैं कि भक्ति का अर्थ केवल किसी देवता के प्रति प्रेम नहीं है, बल्कि यह समझने की आवश्यकता है कि आप किसकी भक्ति कर रहे हैं। वे यह भी कहते हैं कि भक्ति में अहंकार का होना खतरनाक हो सकता है, और सच्ची भक्ति तब होती है जब अहंकार टूटता है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
संगीत: मिलिंद दाते
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