माया में परिवर्तन होता है सत्य में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता सत्य के गुणों से जुड़कर ही हम सत्य को प्राप्त कर सकते हैं यां खुद मिट कर सत्य ही हो सकते हैं।