वेदों का नेत्र है ज्योतिष जिसमे भूत वर्तमान और भविष्य सन्निहित है,कतिपय हास्यास्पद विषय मानने वाले कम नही हैं, किन्तु जिन्होंने अपनी ऋषि परंपरा जानी है वो लोग अपिरिचित नही हैं कि ज्योतिष तथ्य और सत्य दोनों का दृढ स्तम्भ था,है,और रहेगा।कृपया पूरी तरह ज्योतिष को जानने के बाद ही टिप्पणी करें। धन्यवाद ।
।।एस्ट्रो गुरु।।