उत्तराखंड में होली देखनी है तो लोहाघाट आइए। !! .......
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रिपोर्टर जगदीश चन्द्र राय।
वीडियो एडिटर जगदीश चंद्र राय
स्पोर्टिंग रोल रामलीला कमेटी।
जी हां अगर आपको उत्तराखंड में खड़ी होली का आनंद उठाना है तो लोहाघाट होली रंग महोत्सव देखने जरुर आइए। फाल्गुन में खिले फूलों की बासंती आभा के बीच लोहाघाट के रामलीला मैदान में ढ़ोल मंजीरे की थाप पर बदन थिरकाते और कदम से कदम मिलाते काली कुमाऊं के होल्यारों की टीम बरबस अपनी ओर आकृषित करती है। बुजुर्ग बताते हैं कि होली के इन्ही ढोल और मंजीरे की थाप को सुनकर आजादी से पहले अंग्रेजी हूकूमत परिवार की महिलाओं ने भी होली में कदम से कदम मिलाकर काली कुमाऊं की होली का आनंद लिया।
15 वीं शताब्दी में चंद राजाओं के समय से शुरू हुई यह होली पूर्व में लोहाघाट के सुंई और गुमदेश क्षेत्रों में ही गाई जाती थी। आजादी से पहले एबटमाउंट में जब अंग्रेजों ने होली के समय लोगों को होली के रंग में रंगते देखा तो उनके परिवार की महिलाएं भी कदम से कदम मिलाने आ गई। रामलीला कमेटी के मुख्य संरक्षक प्रहलाद सिंह मेहता ने बताया कि उन्होंने भी बुजुर्गों से सुना कि एबटमाउंट में आजादी से पहले अंग्रेजी हूकूमत की बसावत होती थी। होली के दिनों में गांव की महिलाओं के साथ अंग्रेजी हूकूमत की महिलाएं भी गांव की महिलाओं के साथ सफेद रंग की पोषाक में होली के दौरान कदम से कदम मिलाने आ जाती थी। हालांकि वह इन सबका अर्थ नहीं समझती थी, फिर भी उन्हें खड़ी होली के दौरान गोल घेरे में ढोल मंजीरे की थाप पर थिरकना अच्छा लगता था। होली आने से पहले उनमें एक अजब सा उत्साह रहता था। सुंई क्षेत्र के प्रमुख होल्यार राजेश चौबे कहते हैं कि पूर्व में जब मथुरा आदि ने कुमाऊं में खड़ी होली आई तो लोगों में धीरे-धीरे इसमें एक उत्साह सा आने लगा। वहीं अंग्रेज भी बाद में इसके मुरीद हो गए। इधर बीते 11 सालों से होली रंग महोत्सव का आयोजन कर रहे रामलीला कमेटी के अध्यक्ष जीवन मेहता कहते हैं कि काली कुमाऊं की खड़ी होली को संरक्षण करने के उद्देश्य से लगातार होली महोत्सव किया जा रहा है। जिसमें लगातार भीड़ में इजाफा हो रहा है। उन्होंने बताया कि लोहाघाट के रामलीला मैदान में होने वाली खड़ी होली की सबसे बड़ी खासियत विभिन्न क्षेत्रों से आए होल्यारों की टीम का एक मंच के माध्यम से अपनी संस्कृति का आदान प्रदान करना है। मेहता बताते हैं कि दूसरी खासियत रंग महोत्सव की यह है कि यहां पर पूर्ण नशा मुक्त होली होती है। जिसमें अनुशासन को सर्वोपरि माना जाता है।
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