आदिवासी इंदलदेव महापूजन, इंदिराजा का अनुष्ठान, गाँव थरवाटा,जिला अलिराजपुर, मध्यप्रदेश
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इंदल/इंद बाबा/इंदिराजा की पूजा भील, भिलाला, राठवा, बारेला व पावरा आदिवासियों के सबसे कठिन धार्मिक अनुष्ठान में से एक है। यह कोई त्यौहार या पर्व नही है बल्कि मन्नत/मान बाधा है जो पूरी होने पर निभाई जाती है। सभी आदिवासी परिवारों में इंदल पूजा हो ऐसा अनिवार्य नही है। यह केवल उन्हीं आदिवासी परिवार में मनाया जाता है जिसने इंदल बाबा की मन्नत ली है एक बार मन्नत पूरी होने पर अनुष्ठान को उस कुटुंब के लोगो द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी निभाया जाता है। इंदल बाबा की मान बाधा पूरे गांव के द्वारा भी ली जाती है जिसे गाँव गोन्द्रिया इंदल कहा जाता है। जिसे पूरा गाँव मिलकर छूटता है।
इंदल बाबा को आदिवासी संतान उत्पत्ति, पशुधन व फसल उन्नति का देवता मानते है, परिवार की सुख सम्रद्धि व शांति हेतु इसकी मन्नत लेते और फिर उस कुटुंब के लोगो द्वारा इस परम्परा को हमेशा के लिए निभाया जाता है। इसकी पूजा 5 साल या 7 साल या 9 साल या 11 साल के अंतराल में बड़े आयोजन के साथ की जाती है। प्रत्येक वर्ष नही की जाती।
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