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हरिप्रकाश राठी की कहानियां : तुम कहाँ हो माँ hariprakash rathi ki kahaniyan : tum kahan ho maan

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दस कथा-संग्रह , तीन निबंध-संग्रह प्रकाशित। राही रैंकिंग द्वारा जारी विश्व के सौ साहित्यकारों की सूची में नाम। राष्ट्रीय स्तर के समाचार-पत्रों में पांच सौ से ऊपर संपादकीय पृष्ठ पर निबंध एवं सौ से ऊपर कहानियां प्रकाशित हुई हैं। हंस, वागर्थ, मधुमती, विश्वगाथा, प्रगतिशील साहित्य , विभोम स्वर , कथाबिम्ब , पुनर्नवा, प्रतिध्वनि, प्रतिश्रुति , शेष, प्रसंग, अभिनव संबोधन, इंद्रप्रस्थ भारती, ककसाड़, कथा-पाठ , प्राची ,सुसम्भाव्य, हस्ताक्षर एवं अन्य अनेक साहित्यिक पत्रिकाओं में कहानियों का निरन्तर प्रकाशन। आकाशवाणी पर 30 से अधिक कहानियों का प्रसारण। कथाबिम्ब पत्रिका द्वारा दो बार कमलेश्वर श्रेष्ठ कथा-स्मृति पुरुस्कार , राजस्थान साहित्य अकादमी से विशिष्ट साहित्यकार सम्मान , निराला साहित्य सम्मान, वीर दुर्गादास पुरुस्कार, मानस श्री आदि अनेक सम्मान। मॉस्को, एथेंस, रंगून ' अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन ' में कहानी-पाठ एवं सृजन सम्मान। कहानियों का इंग्लिश, संस्कृत, सिंधी, उर्दू ,मराठी, राजस्थानी आदि अनेक भाषाओं में अनुवाद। यह लेखक की मौलिक कृति है। कॉपीराइट के तहत सर्वाधिकार सुरक्षित हैं। कहानियों पर 2 एम.फिल प्रकाशित हैँ। website : hariprakashrathi.com ईमेल : [email protected]

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