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भगवान शिव ने रुद्र रूप धरके कैसे किया महाबली जलंधर का वध देखिये || Jalandhar Shiv Yudh

Digital Shri Krishna 82,979 lượt xem 3 years ago
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पुराणों में वर्णित है कि महर्षि नारद के आग्रह पर भगवान शंकर ने जालंधर से युद्ध किया। युद्ध लंबे समय तक चला। भगवान शंकर जानते थे कि दैत्यराज जालंधर की पत्नी देवी वृंदा सत्य, त्याग और तपस्या की मूर्ति है। इसलिए जालंधर का वध करना कठिन है। कई महीनों तक चले युद्ध के बाद जालंधर भगवान शंकर के हाथों मारा गया। पुराणों के अनुसार जालंधर का सिर कटकर ज्वाला जी में गिरा। विशालकाय धड़ यहां गिरा। उसके शरीर पर जालंधर नगर का उदय हुआ। कमर के नीचे का भाग मुल्तान में जा गिरा था।

भगवान विष्णु वृंदा के पति की रक्षा नहीं कर सके। इस पर सती (वृंदा) ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि वह धरती पर शालिग्राम यानि शिला के रूप में रहें। इस पर देवी लक्ष्मी ने वृंदा से अपने पति भगवान विष्णु को इस श्राप से मुक्त करने की विनती की। तब देवी वृंदा ने सती होने से पूर्व भगवान विष्णु को अपने समीप रहने की शर्त पर अपने श्राप को संशोधित कर दिया। देवी वृंदा के सती होने के पश्चात उस राख से एक नन्हे पौधे ने जन्म लिया। ब्रह्मा जी ने इसे तुलसी नाम दिया। यही पौधा सती वृंदा का पूजनीय स्वरूप हो गया। भगवान विष्णु ने देवी तुलसी को भी वरदान दिया कि वह सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली माता कहलाएंगी और वर्ष में एक बार शालिग्राम और तुलसी का विवाह भी होगा।

Video Name - Om Namah Shivay #Episode32
Copyright - Creative Eye Private Limited
Licenses By - Dev Films And Marketing Delhi

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