उत्तराखंड की सांस्कृतिक एवंपारंपरिक लोक कथा ##
हेलो दोस्तों नमस्ते🙏 hello friends namaste 🙏
कैसे हो आप सब आज बहुत दिनों बाद मैं ब्लॉक डाला है आशा करता हू आपको पसंद आए अगर वीडियो पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें धन्यवाद,,#####
कहा जाता है कि जब जीतू अपने गांव से अपनी बहन के ससुराल जा रहा था तो, उसकी मां ने कहा था कि बेटा पहाड़ की चोटी पर बांसुरी मत बजाना। जीतू जब रैथल के जंगल में पहुंचा तो फूलों से भरी पहाड़ियां देखकर उसका मन खो गया। जीतू आराम करने के लिए एक पेड़ की छाया में बैठ गया और बांसुरी बजाने लगा। रैथल का जंगल खैट पर्वत इलाके में पड़ता है। कहा जाता है कि खैंट पर्वत पर परियां रहती हैं।
खैंट पर्वत से जीतू को लेने आई थी परियां,,,,,,,,,,,
जीतू की बांसुरी की मधुर आवाज सुनकर परियां जिन्हें स्थानीय भाषा में आंछरियां कहते हैं वो खिचीं चली आईं। परियां बांसुरी की धुन पर नृत्य करने लगीं। जीतू के बांसुरी बंद करते ही परियों ने कहा कि हमारे साथ चलो। जीतू ने उनसे कहा कि इस समय छोड़ दो, मगर वो छह गते आषाढ़ को खेत रोपाई के बाद ही उनके साथ चलेगा।,,,,,,,,#####