Sachche Shah Data, MilkiPur Ashram, Ayodhya || SSD || मिल्कीपुर तहसील का यह आश्रम अंग्रेज़ी शासन काल में सतगुरु साईं मोहन शाह दाता के सबसे प्रिय शिष्य, पंथ सिरोमणि सतगुरु साईं अहमक़ शाह दाता की तपस्थली है। उन्हें अंग्रेजी समेत पाली, प्राकृत, संस्कृति, उर्दू, अरबी, फारसी, हिंदी, अवधी आदि कई भाषाओं का ज्ञान था । उन्हें अपने मुर्शिद मोहन शाह दाता से इतना प्रेम था कि अहमक़ शाह दाता ने अपना लिंग काट कर अपनी प्रेयसी को दे दिया था जिसकी ख़बर जब मोहन शाह दाता को हुई तो वह भयंकर क्रोधित हुए कहा कि "अजब अहमक़ है तू" उन्होंने सहजता से यह नाम स्वीकार किया और सतगुरु सेवा में लग गए।