महाकवि श्रीहर्ष की यह रचना संस्कृत साहित्य के सर्वश्रेष्ठ पांच महाकाव्यों में स्थान रखती है जिसमें निषद देश के राजा नल और विदर्भ की राजकुमारी दमयंती की कथा है