सुदामा द्वारिका की ओर चल पड़ता है। सुदामा रास्ते में बड़े कष्ट सहन करता है लेकिन रुकता नहीं। सुदामा को द्वारिका तक पहुँचने में मदद करने के लिए श्री कृष्ण वहाँ आ जाते हैं। श्री कृष्ण मुरली मनोहर के रूप में सुदामा के साथ द्वारिका की ओर चल पड़ते हैं और रस्ते भर उनके साथ ठिठोली करते हुए छेड़ते हुए जाते हैं। रात्रि में विश्राम के करने के लिए एक खंडहर में रुक जाते हैं। श्री कृष्ण सुदामा को रात्रि में अपने साथ भोजन कराने के लिए मना लेते हैं परंतु जैसे ही सुदामा भोजन करने लगता है तभी उसे अपने बच्चों और पत्नी की याद आ जाती है की वो भी भूखे होंगे। वहीं दूसरी ओर चक्रधर सुदामा के घर भोजन लेकर आता है ताकि उसके बच्चे भोजन कर सकें लेकिन वसुंधरा भोजन लेने से मना कर देती है। चक्रधर उनकी इस बात से प्रसन्न होकर वो वहाँ से वापस चला जाता है।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।
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