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जनेऊ क्या है? कब अशुद्ध माना जाता है? शौच के समय जनेऊ कान पर चढ़ाना जरुरी है?

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NO: 21012021-1 यज्ञोपवित्र संस्कार, उपनयन संस्कार ओं यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात् । आयुष्यमग्र्यं प्रतिमुंच शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेज़: ।। जनेऊ क्या है तथा इसकी इतनी मह्त्व क्यों है सनातन धर्म में ? इसमें किस देवी देवता का वास् होता है? इसको बनाने की बिधि क्या है? ये कब कब अशुद्ध होता है ? इसको कौन कौन पहन सकता है ? क्या महिलाएं भी पहन सकती हैं ? जनेऊ को दाहिने कान पर चढाने का वर्णन "याज्ञवल्क्य स्मृति" के आचाराध्याय में श्लोक नंबर 16 शौचाचार में (Provided by - Vimal Pandey Ji ). For detal please check the comments. कर्णस्थ ब्रह्मसूत्रं यस्य स तथोक्त: | कर्णप्रयाग दक्षिण: पवित्रं दक्षिणे कर्णे || मेरा शास्त्रीक वर्णन इन विषयों पर | - क्या जनेऊ जोड़ा पहनना चाहिए, जोड़ा होने पर तो ६ धागा हो जायेगा, क्या जनेऊ राजपूत एवं ब्राह्मण लोग ही पहनेंगे बताइये? जोड़ा जनेऊ बिलकुल पहन सकते हैं जब १. अगर किसी पुरुष की शादी हो गयी है तथा उनकी पत्नी जनेऊ नहीं पहन रही हैं | अगर पत्नी भी जनेऊ पहन रहीं हैं तो जोड़ा जनेऊ नहीं पहनना है | २. अगर किसी महिला को लगता है की उनके पति जनेऊ धर्म का पालन करने में सक्षम नहीं हैं तो महिला भी जोड़ा जनेऊ पहन सकती हैं | यह जनेऊ एक श्रेष्ट रक्षा सूत्र है जिसको हर किसी को पहनना है चाहे वह पुरुष हो या स्त्री या फिर किसी भी जाती या वर्ण से ताल्लुक रखता हो | Importance of Janeu (the holy thread) in Hindu Sanatan. Why put Janeu on the right ear while urinating? Is it mandatory? Why People Hold Janeu On Right Side Ear? We love your comments and suggestions. Please visit our website for travel blogs and other related topics. Anuj Mishra https://www.drifterbaba.com/ Whatsapp / Call: +91 9900144384 #sanatandharma #yagyopavit #Janeu #sanskar

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