शिव पुराण में ज्योतिर्लिंग सोमेश्वर (सोमनाथ) की महिमा यह है कि यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसके दर्शन से भक्तों को मोक्ष और सुख-शांति की प्राप्ति होती है. विस्तार से: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति: कथा के अनुसार, चंद्रमा को क्षयरोग का श्राप मिला था, जिससे वह कुरूप हो गए थे। श्राप से मुक्ति पाने के लिए, उन्होंने भगवान शिव की आराधना की और शिवलिंग की स्थापना की, जिसे बाद में सोमेश्वर या सोमनाथ के नाम से जाना गया. शिव पुराण में उल्लेख: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का उल्लेख शिव पुराण में भी मिलता है, जहाँ इसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है. धार्मिक महत्व: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है और यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. दर्शन का फल: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजा करने से भक्तों को मोक्ष, सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. अन्य नाम: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को सोमेश्वर, सोमेश्वर महादेव, और सोमनाथ महादेव के नाम से भी जाना जाता है. विशेषता: मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसके शीर्ष पर स्थित त्रिशूल चंद्रमा की दिशा के अनुसार बदलता रहता है. भक्ति और पूजा: महाशिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.