दो महान विभूतियाँ, एक देश, और दो अलग-अलग विचारधाराएँ। महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर—दोनों ने भारत की स्वतंत्रता और विकास में अहम भूमिका निभाई, लेकिन उनके रास्ते और विचार अक्सर टकराए। गांधी ने अहिंसा और स्वराज पर ज़ोर दिया, जबकि अंबेडकर ने जाति उन्मूलन और संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई लड़ी।
इस वीडियो में हम गहराई से जानेंगे:
✅ गांधी और अंबेडकर के विचारों की नींव
✅ उनके बीच समानताएँ और मतभेद
✅ पूना पैक्ट और उनका ऐतिहासिक टकराव
✅ आज के भारत में किसकी विचारधारा अधिक प्रासंगिक है?
✅ गांधी के 'सर्वोदय' और अंबेडकर के 'जाति उन्मूलन' का आज के समाज पर प्रभाव
क्यों देखें यह वीडियो?
गांधी और अंबेडकर के बीच के संघर्ष और सहयोग को समझें।
आधुनिक भारत की चुनौतियों के संदर्भ में दोनों की विरासत का विश्लेषण।
जानें कि कैसे गांधी का अहिंसक आंदोलन और अंबेडकर का संविधान आज भी प्रेरणा देते हैं।
विशेषज्ञ राय:
रामचंद्र गुहा: "गांधी ने भारत को एक किया, अंबेडकर ने इसे न्यायपूर्ण बनाया।"
दलित कार्यकर्ता थेनमोझी साउंडरराजन: "अंबेडकर ने हमें अदृश्यता से लड़ने के उपकरण दिए।"
कॉल टू एक्शन:
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