उराँव कुँड़ुखर की शादी में या ऐसे अवसरों पर विशेषकर मंडप/मड़वा में गाया जाता है। रस्म रिवाज के दौरान कन्या और दुल्हा पक्ष के लोग इन गीतों के द्वारा completion करते हैं। एक समूह गाता है उसके तुरमत बाद दूसरे समूह को भी उसी गीत को शुरू करना होता है। यह निरंतर तबतक चलता रहता है जबतक की कोई एक समूह गा नहीं पाता। प्राय: शादी गीत या बेंजा डण्डी का राग एक जैसा ही रहता है। इस गीत में एकल गायिका है परंतु राग वही है।
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