"हनुमान जी श्री कृष्ण के चरणों में एक दिव्य पुष्प भेंट करते हैं। श्री कृष्ण उस कमल की सहायता से पोंड्रक को दंड देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। श्री कृष्ण उन दिव्य कमलों को पोंड्रक के पास पहुँचाते हैं और जिन्हें देख पोंड्रक और उसकी पत्नी तारा उन सभी कमल के फूलों को गंध मादन पर्वत से लाने के लिए द्वित वानर को भेजते हैं। श्री कृष्ण ये सब इसलिए किया ताकि गंध मादन पर्वत पर हनुमान जी उन्हें दंड दे सके। द्वित वानर वहाँ जाता है और जैसे ही कमल के सरोवर की और पड़ता है तो हनुमान जी उसे रोक देते हैं। पोंड्रक का मित्र द्वित गंध मादन पर्वत से दिव्य कमल लेने के लिए जाता है जहां हनुमान जी उसे रोक देते हैं और दोनों में युद्ध शुरू हो जाता है। जैसे ही हनुमान जी उसे युद्ध में हराने के बाद मारने लगते हैं तो द्वित वानर उन्हें श्री राम की क़सम देकर उसे क्षमा करने को कहता है हनुमान जी उसे छोड़ देते हैं और अपनी मर्ज़ी से उसका बंदी बनकर उसके साथ राजा पोंड्रक के पास चले जाते हैं।
पोंड्रक हनुमान को द्वित वानर के साथ बंदी बना देख बहुत ख़ुश होता है। पोंड्रक द्वित वानर को हनुमान जी का वध करने का आदेश देता है लेकिन हनुमान जी खुद को मुक्त करके द्वित वानर और पोंड्रक के भाई और उसके सेनिको को घायल कर देते हैं और पोंड्रक को अंतिम चेतावनी देकर चले जाते हैं। पोंड्रक सब कुछ होने के बाद भी अपने अहंकार को नहीं छोड़ता। तारा पोंड्रक को समझने की कोशिश करती है। लेकिन पोंड्रक अपने अहंकार को नहीं त्यागता तभी वहाँ वीरमणि वहाँ आ जाता है और पोंड्रक को समझाता है। पोंड्रक श्री कृष्ण से बदला लेने के लिए द्वारिका नगरी को ध्वस्त करने के लिए द्वित वानर को द्वारिका नगरी भेजता है।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।
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