अगर विभीषण राम का साथ नहीं देते तो क्या राम रावण को नहीं मार पाते क्या सच में ऐसा होता है कल ही कथा देखी जिसमें कराल और मुसल तक को भगवान कृष्ण ने अपनी धरती पर अवतार होने के बाद उनका उदार करने का वरदान दिया था वही कराल जब कृष्ण जी के उधर से माता यशोदा से बांदा तो प्रभु ने दामोदर बन गया एक-एक राक्षस तक का उधर राम जी और हनुमान जी से होना था लेकिन लंकानी हो या सुरसा कालनेमि हो या रावण उनका जन्म ही वरदान स्वरुप हुआ होता है पिछले जन्म के पुण्य कर्मों से जब वरदान मांगते हैं तब प्रभु कहते हैं अगले जन्म में तुम्हारा यह अवतार जिसमें तुम मेरे सहायक और कृपा पात्र बनोगे और बस यही लीला धरती जाती है ऐसे में हम कह देते हैं कि हमने होते तो क्या हमारा बेटा जन्म ले पता जय सियाराम दोस्तों