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गांव रावण का; नहीं होता यहां दशहरा और रामलीला! दशकंधर को लोग मानते हैं अपना पूर्वज village of Ravana

Brajbhushan Markandey 5,773,710 4 years ago
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गांव रावण का; नहीं होता यहां दशहरा और रामलीला! दस कंधर को मानते हैं अपना पूर्वज। Village of Ravana. शिव का महान भक्त 10 सिर और 20 भुजाओं वाले रावण का जन्म यहीं हुआ था यहां आज भी दशहरा नहीं मनाया जाता। रावण को यहां के लोग गर्व के साथ अपना पूर्वज मानते हैं। हालांकि राम से उनका कोई विरोध नहीं है किंतु वे रामलीला नहीं खेलते। दिल्ली से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर गौतम बुद्ध नगर जिले में बिसरख गांव रावण का जन्म स्थान बताया जाता है यहां रावण के दादा पुलिस मुनि द्वारा स्थापित अनोखा शिवलिंग भी है। रावण के पिता विश्रवा ऋषि भी यहीं पैदा हुए थे। रावण का खानदान उच्चतम प्रवृत्ति का था। रावण के पिता का नाम विश्रवा एवं माता का नाम कैकेसी था। कैकेई राक्षसी थी इसी नाते रावण में राक्षसों का गुण आ गया। मानस में गोस्वामी जी ने लिखा है- उत्तम कुल पुलस्त कर नाती, शिव बिरंचि पूजहु बहु भांति। village of Ravana #Ravana_ka_ghar #village_of_Ravana #temple_of_Ravana #bbm_world #brajbhushan_markandey

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