This recording belongs to the album Nitya Stuti
हरि शरणम, हरि शरणम, हरि शरणम हरि शरणम by SatyaNarayan Tewari, Pareek
हरिः शरणम्
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कलियुग में नाम संकीर्तन के अलावा जीव के उद्धार का अन्य कोई भी उपाय नहीं है |
श्री मद्गभागवत अध्याय २ के ४८ वें श्लोक में “श्री हरिः “नाम की महिमा का प्रभाव भक्ति व नारद संवाद में वर्णित है :-
“हरि:शरणमेवं हि नित्यं येषां मुखे वच: अतः कालसमादिस्ठा जरा युष्मान न बाधते “II
॥हरिः शरणम् ॥
श्री हरि ही हमारे रक्षक है हम उनकी ही शरण मे नित्य निरंतर हैं ,यह मन्त्र त्रिविध तापों का नाशक एवं समस्त शक्तियों से सम्पन्न है, आधि-व्याधि का नाशक एवम् श्री हरि की शरणागति प्रदान करने वाला है ।
भक्त शिरोमणि प्रह्लाद जी ने भी जीवन पर्यन्त इसी नाम का सहारा लिया 🙏होलिकोत्सव के इस शुभ अवसर प्रस्तुत है इसी नाम का संकीर्तन 🙏हरिः शरणम् 🙏
Contact : [email protected]
RECORDING: Studio VIBRATIONS, Kolkata
Recording, mix & mattered by Goutam Basu
Music By : Chandan da
Rhythm : Mihir da
Flute: Subir da
Sitar : Subhas da
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