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श्री गोरक्षनाथ जी का अति दुर्लभ मंत्र | मंत्र विधि विधान के साथ | मंत्र 108 बार

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मंत्र तंत्र यंत्र चैनल में आप सभी का स्वागत है आज मैं आप सभी के लिए श्री गोरखनाथ जी का अति दुर्लभ मंत्र लेकर आया हूं। यह मंत्र तीनों लोकों में दुर्लभ है। इस मंत्र को सुनने मात्र से ही सभी प्रकार के विघ्न इस प्रकार नष्ट होते हैं जैसे अग्नि में पतंगे जलकर भस्म हो जाते हैं। इस मंत्र का जाप निरंतर सुनने से महापातक नष्ट हो जाते हैं और चार वर्गों की जैसे धर्म अर्थ काम मोक्ष की प्राप्ति होती है। मंत्र सुनते ही मनुष्य सभी लोगों का प्रिय बन जाता है भोग और मोक्ष उसके हाथ में आ जाते हैं और वह जीवन मुक्त भी हो सकता है। स्वयं लक्ष्मी उसे वरन कर लेती हैं और साक्षात सरस्वती उसके मुख में निवास करती हैं तथा व्यक्ति की वंश वृद्धि और कुल परंपरा अमर हो जाती है। इस मंत्र को अगर आप स्वयं सिद्ध करना चाहे तो विधि इस प्रकार है किसी भी शुभ मुहूर्त में इस मंत्र का जब शुरू करें इस मंत्र का 9000 जाप और 900 मंत्र द्वारा उसकी दशांश आहुति देने पर यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। और व्यक्ति इस मंत्र का प्रयोग करने में सक्षम हो जाता है। 9000 मंत्र जाप आप 11 दिन या 21 दिन आपकी सुविधा और समर्थकता अनुसार कर सकते हैं। यह मंत्र मैं आप सभी के लिए 108 बार जाप करके दे रहा हूं कृपया उसे प्रतिदिन सुने और लाभ लें चैनल को शेयर करें सब्सक्राइब करें इसी गुरु दक्षिणा के मैं आपसे आशा करते हैं धन्यवाद श्री गोरक्षनाथ जी का अति दुर्लभ मंत्र:- ॐ ग्रों ग्रों ग्रों हुं हुं ह्रिं ह्रिं गोरक्ष निरंजनात्मने ह्रिं ह्रिं हुं हुं ग्रों ग्रों ग्रों फट स्वाहा।।

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