🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00036
⚡ आचार्य प्रशांत से जुड़ी नियमित जानकारी चाहते हैं?
व्हाट्सएप चैनल से जुड़े: https://whatsapp.com/channel/0029Va6ZwaQ9MF96RcTwyU34
📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?cmId=m00036
🔥 आचार्य प्रशांत के काम को गति देना चाहते हैं?
योगदान करें, कर्तव्य निभाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/contribute/contribute-work?cmId=m00036
🏋🏻 आचार्य प्रशांत के साथ काम करना चाहते हैं?
संस्था में नियुक्ति के लिए आवेदन भेजें: https://acharyaprashant.org/hi/hiring?cmId=m00036
➖➖➖➖➖➖
#acharyaprashant
वीडियो जानकारी: 12.04.2024, वेदांत संहिता, ग्रेटर नॉएडा
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने आत्मज्ञान और बाहरी वस्तुओं के प्रति हमारी मानसिकता पर गहन चर्चा की है। उन्होंने बताया कि बाहरी चीजें, चाहे वे कितनी भी मूल्यवान क्यों न हों, हमारे आंतरिक परिवर्तन को नहीं ला सकतीं। उदाहरण के लिए, कूड़ेदान में हीरा रखने से वह कूड़ेदान नहीं बदलता, बल्कि वह हमेशा कूड़ेदान ही रहता है। इसी तरह, यदि हम अपने भीतर का परिवर्तन नहीं करते हैं, तो बाहरी वस्तुएं हमें खुश नहीं कर सकतीं।
आचार्य जी ने यह भी कहा कि हम अक्सर बाहरी चीजों के पीछे भागते हैं, जैसे धन, भोग, और धर्म, लेकिन असली खुशी और संतोष भीतर से ही आता है। उन्होंने चेताया कि बाहरी चीजों का पीछा करना एक भ्रम है, और हमें अपने भीतर की स्थिति को सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
आचार्य जी ने यह भी बताया कि ज्ञानियों का मार्गदर्शन हमें सिखाता है कि हमें अपने भीतर की गहराई में जाकर आत्मज्ञान प्राप्त करना चाहिए, न कि बाहरी चीजों के माध्यम से। अंत में, उन्होंने कहा कि हमें अपने भीतर के डर और अज्ञान को पहचानना चाहिए और उसे समझने का प्रयास करना चाहिए।
प्रसंग:
~ स्वयं को न जानने का नुकसान क्या है?
~ बाहर से पाया हुआ उल्टा प्रभाव कब डालता है?
~ समय और ऊर्जा का सही निवेश कैसे करें?
~ कामना व्यर्थ क्यों है?
~ क्या कोई वस्तु हमारी ज़िंदगी को ऊँचा कर सकती है?
संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~