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ध्वन्यालोक प्रथम श्लोक

Sanskrit sahitya evam sanskriti Dr. hari niwas 6,592 lượt xem 5 years ago
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ध्वन्यालोक में मूल अर्थात कारिका और वृत्ति दो भाग हैं। कारिका का प्रारंभ यहां से होता है यह प्रथम कारिका है।भामह का काव्यालंकार,वामन का रीति विचार,आनंद वर्धन का ध्वनि,कुंतक का वक्रोक्ति,क्षेमेंद्र का औचित्य विचार,आचार्य मम्मट का ध्वनि स्थापक परमाचार्य,साहित्य दर्पण कार्य का रस सिद्धांत,रसगंगाधर पंडितराज जगन्नाथ, जयदेव का चंद्रालोक,प्राचीन भारतीय काव्यशास्त्र,काव्य शास्त्रीय सिद्धांत,काव्यशास्त्र,सम्प्रदाय,भरतमुनि,कार्य कारण सिद्धांत,काव्य,काव्य सिद्धान्त,काव्य सम्प्रदाय,काव्य शास्त्र,आचार्य एवं सिद्धांत,नाट्यशास्त्र में रस,शास्त्रीय संगीत,नाट्यशास्त्र, संस्कृत साहित्य एवं संस्कृति, डॉ हरी निवास, Sanskrit sahitya evam Sanskriti,, Dr Hari niwas.

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