१.मित्रो यिस मन्त्र को याद कर्नेसे पहिले आपने ईस्ट देवात ओर पित्त्री देवात से आनुमातिके लिये धुप,आगरबत्ती,पान मिस्थन पुस्पा ओर दीप से अवास्या पुजान कर्ना चहिया।
२.सात सोमबार ओर सात बिहीबारको स्नान आदि कर्के आपने देवी देवातके थानपर धुप,दीप,दूध,तम्सिक देवी हे तो सराबके धारसे सेवा कर्ना चहीया।
३.रात्रीपे जाब जाप कर्ना बेथ्तेहे तो एक दीपक ओर अगरबत्ती बाल्ना परेगा ओर पुस्पा पान मिस्थानका भोग भि अपने क्षमता अनुसार भेत देना पदेगा।
४.याद कर्ने वाला मन्त्र गोप्ये रख्ना परेगा ओर किसिको कनो कान काबर नहि होना चहिया।।
५.मन्त्र साब अवस्था मे याद कर्ना मिलेगा,जेसाकी नेग्त,बेथ्ते,खाते सोते समय केवाल लोहा से कोइभी समान कत्ते समय मन्त्र याद कर्ना वर्चित बतयागय हे।
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