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श्री राम और परशुराम की भेंट | गरुड़ राज का टूटा अहंकार | रामायण कुंजी

Ramayan 579,007 4 days ago
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राजा जनक की पुत्री के स्वयंवर में राजा जनक ने शर्त के रूप में शिव धनुष को उठा कर प्रत्यंचा चढ़ाने की बात सभा में उपस्थित सभी राजाओं के सामने रखी थी। जिसे कोई भी राजा पूरा नहीं कर पाया तो श्री राम जी को महाऋषि विश्वामित्र ने स्वयंवर में भाग लेने को कहा तो श्री राम ने उनसे आशीर्वाद लेकर शिव धनुष को उठा लिया और उसकी प्रत्यंचा चढ़ाते हुए शिव धनुष टूट जाता है। शिव धनुष के टूटने पर सारे संसार में उसकी गूंज सुनाई देती है। शिव भक्त परशुराम जैसे ही शिव धनुष के टूटने की आवाज़ सुनते हैं तो वह अपने तप को छोड़कर क्रोध में राजा जनक की सभा में पहुँच जाते हैं और वहाँ शिव धनुष को टूट देख क्रोध की अग्नि से भड़क पड़ते हैं। श्री राम उन्हें शांत करते हैं और उन्हें अपना परिचय देते हैं। परशुराम श्री राम को देख कर समझ जाते हैं की वो विष्णु भगवान के रूप हैं तो परशुराम श्री राम को अपने धनुष पर बाण। चढ़ाने के लिए बोलते हैं। परशुराम जी श्री राम से कहते हैं की आप इसे अमोघ बाण से मेरे पुण्य लोकों का नाश कर दीजिए इस से हमारे अहंकार का नाश हो जाएगा। श्री राम परशुराम की बात मान लेते हैं। पक्षी राज गरुड़ नारद मुनि जी से मिलते हैं और उनसे अपनी शंका का निवारण करने के लिए कहते हैं। पक्षी राज गरुड़ नारद मुनि से कहते हैं की जब श्री राम जी नागपाश के बंधन में थे तभी खुद मैंने उनको इस बंधन से मुक्त किया था तो वो कैसे भगवान हो सकते हैं ऐसा सवाल सुनकर नारद मुनि जी कहते हैं की श्री राम मनुष्य योनि में जन्म लिया है इसलिए उन्हें मोह माया ने पकड़ लिया था इसलिए वो नागपाश से बंधित थे और अभी तुम इस मोह माया में बंधे हो इसलिए तुम्हे कुछ पता नहीं चल रहा है आप भगवान शिव की शरण में जाओ। नारद मुनि जी ब्रह्मा जी मिलने जाते हैं और उनसे कहते हैं की अब वो समय आया है की राम कथा आरंभ को लिखा जा सके। ब्रह्मा जी नारद मुनि को महाऋषि वाल्मीकि को रामायण कथा लिखने के लिए प्रेरित करने के लिए भेजते हैं। नारद मुनि महाऋषि वाल्मीकि के पास जाते है और राम कथा के बारे में बताते है। महाऋषि वाल्मीकि रामायण लिखना प्रारम्भ करते हैं। रामायण कुंजी एक ऐसी श्रीनकल है जो रामायण का सार तथा मार्गदर्शिका जो इसे समझने और इसके गूढ़ अर्थों को जानने में सहायता प्रदान करे।और जटिल बात को सरलता से समजा जा सके रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी। इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है। इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है। निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर पटकथा और संवाद - रामानंद सागर संगीत - रविंद्र जैन शीर्षक गीत - जयदेव अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा संपादक - सुभाष सहगल कैमरामैन - अजीत नाइक प्रकाश - राम मडिक्कर साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार Ramayan is an Indian television series based on ancient Indian Sanskrit epic of the same name. The show was originally aired between 1987 and 1988 on DD National. It was created, written, and directed by Ramanand Sagar. The show is primarily based on Valmiki's 'Ramayan' and Tulsidas' 'Ramcharitmanas'. The series had a viewership of 82 per cent, a record high for any Indian television series. The series was re-aired during the 2020 Coronavirus lockdown and broke several viewership records globally which includes setting the record for one of the most watched TV shows ever in the world, with 77 million viewers on 16 April 2020. #shreeram #ram #ramayan #ramayantvseries #ramayankunji

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