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मोहिनी अवतार | वामन अवतार कथा | श्री कृष्ण महिमा

Shree Krishna 155,474 1 month ago
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ऋषि संदीपनि श्री कृष्ण और बलराम को समुद्र मंथन की कहनी भी सुनते हैं। समुद्र मंथन से निकले अमृत को भगवान विष्णु मोहिनी रूप में सभी देवताओं और असुरों में बराबर बाटने के लिए आते हैं। लेकिन श्री हरी अमृत असुरों में नहीं देना चाहते थे इसलिए वो मोहिनी रूप में असुरों को मना लेते हैं की वो पहले देवताओं को अमृत पिलाएँगी उसके बाद असुरों को। लेकिन एक असुर देवताओं के बीच देवता का रूप धारण करके अमृत पाई लेता है तो श्री हरी अपने रूप में प्रकट हो जाते हैं और सुदर्शन चक्र से उसका सर धड़ से अलग कर देते हैं। अमृत पीकर जब देवता और असुरों के बीच युद्ध होता है तो राजा बलि की मृत्यु हो जाती है। दैत्य गुरु शुक्राचार्य अपनी संजीवनी विद्या से सभी असुरों को पुनः जीवित कर देते हैं। जब देवता और असुरों के बीच युद्ध होता है तो राजा बलि की भी मृत्यु हो जाती है। दैत्य गुरु शुक्राचार्य अपनी संजीवनी विद्या से सभी असुरों को पुनर जीवित कर देते हैं। उसके पश्चात राजा बलि गुरु शुक्राचार्य के आदेश से 100 अश्वमेध यज्ञ करते हैं ताकि इंद्र के स्वर्ग पर उनका आधिपत्य हो सके। जब राजा बलि के 99 यज्ञ पूरे हो चुके थे तो उसके 100 यज्ञ पूरे ना होने पाए इसके लिए विष्णु भगवान वामन अवतार में राजा बलि की पास आते हैं और उनसे भिक्षा माँगते हैं। भगवान वामन की भिक्षा माँगने पर गुरु शुक्राचार्य राजा बाली के बताते हैं की ये भगवान विष्णु का रूप हैं जिन्होंने देवी अदिति की नाभि से जनम लिया है ताकि तुमसे तुम्हारा सब कुछ तीन पग में तुमसे माँग सके। वामन राजा बलि से भिक्षा में तीन पग स्थान माँगते हैं तो राजा बलि उन्हें दे देता है। भगवान वामन एक पग में आसमान और दूसरे पग में धरती को नाप लेते हैं तो तीसरे पग के लिए वो राजा बलि से स्थान माँगते हैं। राजा बलि उनके सामने सर झुक कर उनसे कहता है की आप अपना तीसरा पग मेरे सर पर रखें। भगवान वामन राजा बलि से प्रसन्न हो कर उसे अपने विष्णु रूप में दर्शन देते हैं। श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा। In association with Divo - our YouTube Partner #shreekrishna #shreekrishnamahina #krishna #krishnamahima

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