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लोकसंगीत- ओम बधाणी... रण बाजे बल भेरी, ऊंची ले बागोड़ी जीतू तेरी जैंता पूरी.(जीतू बगडवाल से संबंधित)

DD UTTARAKHAND 3,031 4 years ago
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गीत संगीत- ओम बधाणी 02 गीत के बोल रण बाजे बल भेरी ऊंची ले बागोड़ी जीतू तेरी जैंता पूरी ताल बाजे मृदंग लाई पिन्ना पिराई बागोड़ी ऐगे जीतू ल्याई बैण बैदई ताल बाजे मृदंग तराजू तुलाई मैं जांदू जिया बै ल्योण बळद मूल्याई ताल बाजे मृदंग झेगु झेगता झेगी नामीगामी व्योपारी होलो मामा मदन नेगी ताल बाजे मृदंग खेलिजाला बल पासा बळद जोड़ी बागोड़ी पौंछि लगि ग्या तमासा ताल बाजे मृदंग प्रस्तुत गीत वीर भड़ जीतू बगड़वाल की लोकगाथा पर आधारित है। जब जीतू अपनी बहन सोभनी को उसके ससुराल से लाकर बगोड़ी ले आता है, क्योंकि उसके हाथों से ही धान की रोपाई शुरू होनी है। उसके बाद वह रोपणी के लिए बैलों की खरीदी करने को धारकोट अपने मामा मदन नेगी के पास जाता है। जीतू बैल लेकर बगोड़ी आता है, बैल इस प्रकार के थे कि पूरी बगोड़ी और क्षेत्र में चर्चा होने लगती है। धान रोपाई का दिन आता है और मल्ली के सेरे में आछरियाँ किस तरह से जीतू बगड़वाल को हर लेती हैं और कैसे जीतू बैलों के साथ धरती में समा जाता है? यह पूरा वर्णन इस गीत में है। 1. अनुज बड़ोनी- कोरस 2. जोत सिंह- हुड़का 3. रणजीत सिंह- ढ़ोलक 4. ज्योति प्रकाश- की-बोर्ड 5. महेश चन्द्र- बांसुरी #JeetuBagadwal #FolkUttarakhand #Uttarkashi

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