अध्याय 20 - भगवान शिव का कैलाश पर्वत पर गमन
इस अध्याय में भगवान शिव के कैलाश पर्वत पर आगमन और वहां निवास की कथा का वर्णन है। भगवान शिव ने विश्वकर्मा को कैलाश पर्वत पर अपने और भक्तों के लिए सुंदर निवास बनाने का आदेश दिया। विश्वकर्मा ने मनोहर निवास तैयार किया, जहां देवताओं, ऋषि-मुनियों और सिद्धों ने भगवान शिव और देवी उमा का अभिषेक किया और उनकी स्तुति की।
आकाश से पुष्पवर्षा हुई और सभी ने जय-जयकार किया। प्रसन्न होकर भगवान शिव ने सभी को इच्छित वरदान दिए। बाद में, शिवजी ने कैलाश पर योग साधना में लीन होकर समय बिताया। कुछ समय बाद उन्होंने दक्षकन्या सती को पत्नी रूप में प्राप्त किया और उनके साथ सुखपूर्वक वहां निवास करने लगे।
कुबेर को अलकापुरी का अधिपति बनाया गया, और उनकी शिवभक्ति का विस्तार हुआ। इस कथा का श्रवण या पठन तीनों लोकों में सुख, मोक्ष और मनोवांछित फलों को प्रदान करता है।
यह अध्याय भगवान शिव की कृपा, उनकी लीलाओं और उनके भक्तों पर अनुग्रह को दर्शाता है।