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वीडियो जानकारी: 17.08.23, साक्षात्कार सत्र, गोवा
Title : अविवाहित और स्वतंत्र महिला से इतना डरते क्यों हैं पुरुष? || आचार्य प्रशांत, बातचीत (2023)
0:00 - Intro
0:01 - स्त्री के जीवन में पुरुष की कितनी अहमियत है?
6:41 - अविवाहित महिला को वस्तु की तरह देखे जाने की दूषित संस्कृति
22:16 - क्या लड़की की पहचान सिर्फ उसके पति से है?
37:44 - अविवाहित स्त्री के चरित्र पर सवाल क्यों?
49:43 - शादीशुदा स्त्री बनाम अविवाहित स्त्री के स्तर को लेकर सामाजिक सोच
1:02:36 - पूर्वनिर्धारित पहचान
1:09:57 - महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के पीछे कौन?
1:13:09 - देवियों का चरित्र बनाम सामाजिक आम महिला
1:23:09 - समापन
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने अविवाहित महिलाओं और उनके जीवन में पुरुषों की भूमिका पर चर्चा की है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि एक महिला के जीवन में पुरुष की अहमियत अन्य महत्वपूर्ण चीजों की तुलना में कम होनी चाहिए। आचार्य जी ने कहा कि महिलाओं को अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए और पुरुषों को उनके जीवन का केंद्र नहीं बनाना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि समाज में महिलाओं को अक्सर विवाह के माध्यम से परिभाषित किया जाता है, और यह धारणा गलत है। महिलाओं को अपने ज्ञान, साहस और अनुभव पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आचार्य जी ने यह भी कहा कि विवाह और पुरुषों के साथ संबंधों को एक छोटे मुद्दे के रूप में देखना चाहिए, जबकि आत्मज्ञान और मुक्ति को प्राथमिकता देनी चाहिए।
आचार्य जी ने यह भी बताया कि समाज में महिलाओं के प्रति जो दृष्टिकोण है, वह अक्सर उन्हें कमजोर और निर्भर मानता है, जबकि सच्चाई यह है कि महिलाएं भी उतनी ही सक्षम हैं जितनी कि पुरुष। उन्होंने यह सुझाव दिया कि महिलाओं को अपनी पहचान खुद बनानी चाहिए और समाज के दबावों से मुक्त होकर अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहिए।
प्रसंग:
~ महिला का वास्तविक लक्ष्य क्या है?
~ किसी भी महिला के जीवन में एक पुरुष की कितनी अहमियत वास्तव में होती है?
~ आज महिला को सर्वप्रथम किस प्रकार देखने की ज़रूरत है?
~ अकेली महिला (single women) को क्या समस्याएँ आती हैं?
~ महिलाओं के लिए अध्यात्म किस प्रकार उपयोगी है?
संगीत: मिलिंद दाते
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