क्षिप्रं विजानाति चिरं श्रृणोति विज्ञाय चार्थं भजते न कामात्।
नासंपृष्टो ह्युपयुंक्ते परार्थे तत्प्रज्ञानं प्रथमं पण्डितस्य ॥३॥
जो वेदादि शास्त्र और दूसरे के कहे अभिप्राय को शीघ्र ही जानने, दीर्घकाल पर्य्यन्त वेदादि शास्त्र और धार्मिक विद्वानों के वचनों को ध्यान देकर सुनके ठीक ठीक समझकर निरभिमानी शान्त होकर दूसरों से प्रत्युत्तर करने, परमेश्वर से लेके, पृथिवी पर्य्यन्त पदार्थों को जानके उनसे उपकार लेने में तन, मन, धन से प्रवर्तमान होकर काम, क्रोध, लोभ, मोह, भय, शोकादि दुष्ट गुणों से पृथक् वर्तमान किसी के पूछने वा दोनों के सम्वाद में विना प्रसंग के अयुक्त भाषणादि व्यवहार न करने वाला है, वही पण्डित का प्रथम बुद्धिमत्ता का लक्षण है।३॥
#vedic #veda #Arya_samaj #Spiritual #vyavaharbhamu #swami_dayanand
============
व्यवहारभानु ॥ Vyavaharabhanu ~स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक
https://youtube.com/playlist?list=PLk_MmNPY_MoHOa0Q-XpLNmXSpitG11_Qo
============
आर्योद्द्येश्यरत्नमाला ॥ Aaryoddyeshyaratnamala ~स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक
https://youtube.com/playlist?list=PLk_MmNPY_MoFt1iXBheOwcNbZq94kYAXP
============
आर्यभिविनय ॥ Aaryabhivinay ~स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक
https://youtube.com/playlist?list=PLk_MmNPY_MoGMSFcErqwlh74D-4dYKom3
============
शंका समाधान ~स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक
https://youtube.com/playlist?list=PLk_MmNPY_MoG3Znhke3LRbVZag-RfFHON
=============
पता-
दर्शन योग महाविद्यालय,
आर्यवन, रोजड, सबरकांठा, गुजरात
Mob-9409415011, 9409615011
Email : [email protected]
============
Web: https://darshanyog.org/
Online Education- https://darshanyog.com/
============
व्यवहारभानु (कक्षा 03) [पण्डित का लक्षण ] ~स्वामी विवेकानंद जी परिव्रजक