*अरिहंत,सिद्ध भगवान के गुण *
गाथा 071-072 में आचार्य कुंदकुंद देव मध्यम मंगलाचरण करते हुए पुनः नमस्कार कर रहे हैं और अरिहंत भगवान के लक्षण का वर्णन कर रहे हैं।
* जिनके पास तेज होता है,जिनके पास *अनंत दर्शन और ज्ञान है, समोशरण का वैभव है,अतींद्रिय (अव्याबाध) सुख है,देवों द्वारा अद्भुत अतिशय होते हैं, एवं तीन लोक के सभी प्रधान पुरुष उनको अपना इष्ट मानते हैं। *
गाथा ७२ में आचार्य भगवन कहते हैं कि जिनकी आत्मा के पूर्ण गुण खिल गए हैं,ऐसे सिद्ध भगवान को बारमबार नमस्कार हो।
Contributed by: Aashna Jain, New Delhi
Date: 2018-09-06
Gatha:061-062
Granth: Pravachansar
Pravachan: Muni Shri Pranamya Sagar ji