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किस्सा-अंजना पंवन-1/रचयिता-जाट मेहरसिंह/Anjana Pawan Haryanvi Kissa-1 Karampal Sharma/Sonotone/1993

Satyaveer Kundu 580,079 2 years ago
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किस्सा-अंजना पंवन-1, रचयिता-जाट मेहरसिंह, गायक-पं0 कर्मपाल शर्मा व साथी, प्रस्तुति-सोनोटोन कैसेट्स प्रस्तुति वर्ष-1987 ---------------- 1. इसतै सुथरे और भतेरे बता के छोरां के तोड़े मैं, आच्छी भी ना लागी हे अन्जना पवन-भूप के जोड़े मैं 2. कुत्ता मार बन्जारा रोया वाहे कहानी बणग्यी, मैं काला तू भूरी थी क्यूं मेरी राणी बणगयी। 3. परिन्दे इतना प्रेम करैं भला दिलबर ने के राह सै, अन्जना गौरी पड़ी कैद मैं साल बाहरवां जा सै।। 4. सोवण आली बैठी हो ले तू पाछे सो लिए, तेरा बाहर खड़ा भरतार नार तू फाटक खोलिए।। 5. आगा-पिछा ना सोचा लूटें सै रंग ठाठ तनै, डूब गई बेहूदी अंजना कर दिए बारा बाट तनै।। 6. मेरी तबियत डाटी ना डटती कोए पड़ी विपत म्हारे मै, सुपने के मां दई बुराई दिखाई अंजना के बारे में।। 7. बुरा मान चाहे भला मान मां गलती कर दी खास तनै, घर तै काढ दई पतिव्रता कर दिया सत्यानाश तनै।। 8. सास जली नै घर तै काढी ले झूठे ओढां मैं, नौ महीने की गर्भवती मेरे आसंगा ना गोढ्या मैं ---------------

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