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ॐ श्री दंदरौआ हनुमते नमः108 बार मंत्र जाप / दंदरौआ सरकार मंत्र / Dandrauasarkar / Navneet kaushal

Navneet Kaushal Singer Kaushal Music 132,950 lượt xem 1 year ago
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ॐ श्री दंदरौआ हनुमते नमाः मंत्र जाप / Om Shri Dandraua Hanumate Namah Mantra @ShriDandrauasarkar1008

#Dandraua
#DandrauaMantra
#DandrauaJaap
#KaushalMusic

Singer- Navneet Kaushal
Editor- Rishabh Dubey
Digital Marketing by Avinash Shukla

Contact Person- 9301603999
Fb Page👇
https://www.facebook.com/Kaushalmusic

(Audio Copyright Belongs to Kaushal Music)

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ॐ श्री दंदरौआ हनुमते नमाः मंत्र जाप / Om Shri Dandraua Hanumate Namah Mantra @ShriDandrauasarkar1008

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श्री दंदरौआ हनुमान जी का ये मन्त्र -''ओम श्री दंदरौआ हनुमंते नमः ''भी ब्याधियों के निवारण में संजीवनी सामान है जिसका शाब्दिक विश्लेसण इस प्रकार है ----ओम --आयं,-सतोगुण -रजोगुण -तमोगुण सक्तियों में संतुलन का कार्य करता है !
*द्वंद -रउआ का अपभृंश है ''दंदरौआ '' *
भारतवर्ष में स्थानो, ग्रामों के नाम किसी न किसी ऐतिहाषिक, पौराणिक, या छेत्रीय घटनावों के आधार पर रखने की परम्परा रही है! इस छेत्र में अनेक स्थानो के नाम भी इसी आधार पर रखे गए है! जो अपभृंष हो चुके है! जैसे भगवान कृष्ण की गौएँ चराने की जहाँ तक हद (सीमा )थी उसे अब गोहद कहा जाता है! पांडवो को जन्म देने वाली कुंती के जन्म स्थान को कुंतल पुर कहा जाता था जो अब अपभृंश हो कुतवार कहा जाता है! शोडित पुर को शिहोनिया के नाम से पुकारा जाता है! महिष्मति का अपभृंश हो अब'' मौ '' कहा जाता है! इसी प्रकार द्वन्द -रउआ का अपभ्रंश ""दंदरौआ "" हो गया है!

यहाँ के डॉ हनुमान जी का अर्चाविग्रह ५०० वर्ष पुराना है !ये इस छेत्र के मुख्य देवता है! स्थानीय लोग चिकित्सीय सुविधाओं के आभाव में आस्था और विश्वास के सहारे इनके दरबार में जाते थे! श्री हनुमान जी के दिब्य प्रभाव से वे अपनी आधि -ब्याधि, दुःख -दर्द, मानसिक व शारीरिक पीड़ा से निजात पाते रहे है! इस लिए ही यहां विराजे हनुमान जी फोड़ा, फुन्शी, अनेक चर्म रोगो सहित सभी शारीरिक ब्याधियों से निजात दिलाने वाले देवता के रूप में प्रशिद्ध हुए और उन्हें द्वन्द -रउआ अर्थात दर्द के निवारण करने वाले के रूप में नाम मिला ! जब उनके इस प्रताप से इनके आसपास लोगो ने अपना निवासः बनाया तो उस ग्राम का नाम द्वंदरौआ रखा जो कालांतर में अपभृंश हो ''दंदरौआ '' के नाम से जाना जाता है! हिंदी भाषी ग्रामीण लोग आज भी द्वन्द को'' दंद'' और दर्द को'' दद्द'' बोलते है !

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