हरियाणा के पानीपत शहर का इतिहास काफी विस्तृत और प्राचीन है। यह शहर दिल्ली से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां भारतीय इतिहास की तीन प्रमुख लड़ाइयां लड़ी गई थीं जिनमें से महाभारत का युद्ध सर्वाधिक उल्लेखनीय है। महाभारत काल से संबंधित होने के कारण पहले इस शहर का नाम 'पाण्डवप्रस्थ’ हुआ करता था। हिंदू शास्त्रों के अनुसार प्राचीन काल में कौरवों और पांडवों के मध्य हुआ महाभारत का युद्ध इसी शहर के पास कुरुक्षेत्र में हुआ था जिसके कारण पानीपत का धार्मिक महत्व भी अधिक है। वर्तमान में पानीपत आधुनिक सुविधाओं और व्यापार से युक्त एक सुंदर नगर है।
पानीपत में अनेक दर्शनीय स्थल हैं जिनमें से सबसे लोकप्रिय एवं प्रसिद्द “प्राचीन सिद्ध देवी मंदिर” है जो माता दुर्गा को समर्पित है।
इतिहासकारों के अनुसार प्राचीन सिद्ध देवी मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। 18वीं शताब्दी के दौरान, इस क्षेत्र में मराठों का शासन था। इस मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति मराठा योद्धा सदाशिवराव को यहीं एक तालाब के किनारे मिली थी। माना जाता है कि सदाशिव राव ने पहले देवी के इस मंदिर का निर्माण किसी अन्य स्थान पर करने का निश्चय किया था और मूर्ति को उस स्थान पर रखवा दिया था। लेकिन अगले दिन मूर्ति स्वत: फिर से तालाब किनारे इसी स्थान पर प्राप्त हुई। इसलिए सदाशिवराय ने इसी तालाब के किनारे मंदिर बनाने का निर्णय किया। पर्यावरणीय परिवर्तनों के कारण वर्तमान में यह तालाब पूरी तरह सूख चुका है। अब इस तालाब के स्थान पर एक सुंदर पार्क का निर्माण कर दिया गया है जहां सुबह और शाम लोग टहलने आते हैं। बच्चों के लिए यहां तरह-तरह के झूले भी लगे हुए हैं। नवरात्रों के दौरान इसी पार्क में लगभग 100 वर्षों से रामलीला का आयोजन भी होता आ रहा है। पार्क के किनारे पर क्रम से विभिन्न देवियों, जैसे काली माता, बसंती माता, खेड़े वाली माता, पाथरी माता, इत्यादि के अनेक मंदिर बने हुए हैं।
भक्तों, प्राचीन सिद्ध देवी मंदिर लगभग ढाई सौ साल पुराना हो चुका है। देवी दुर्गा मां को समर्पित यह मंदिर पानीपत शहर का एक प्रमुख मंदिर है जहां पूरे भारतवर्ष से पर्यटकों का आना-जाना साल भर लगा ही रहता है।
Disclaimer: यहाँ मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहाँ यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Chapters
0:00 – Episode की शुरुआत
0:51 – मंदिर के बारे मे
1:45 – मंदिर की पौराणिक कथा
2:30 - मंदिर परिसर
8:35 - आस पास की जगह
8:48 – मंदिर कैसे पहुँचे
9:50 – Episode का अंत
#devitemple #matajimandir #haryanatemple