द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बलात्कार के पीड़ित और इसकी वजह से पैदा हुए बच्चे आज भी सदमा झेल रहे हैं. 1945 की शुरुआत में, जर्मनी में कम से कम 860,000 महिलाओं और लड़कियों का मित्र देशों के सैनिकों द्वारा यौन शोषण किया गया था. कई लोग जीवन भर चुप रहे और अपनी दर्दनाक कहानियों के साथ दफ्न हो गए.
जर्मन सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत से 1945 तक, यानी विश्व युद्ध समाप्त होने और नाज़ी शासन के पराजित होने तक, छह सालों तक पूरे यूरोप में खूब उत्पात मचाया. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में एक अध्याय ऐसा है जिसे आज तक कभी ढंग से तवज्जो नहीं दी गई. जर्मनी में लाखों महिलाओं और लड़कियों का मित्र देशों के सैनिकों द्वारा यौन शोषण किया गया. बहुत से लोग शर्म और डर के कारण चुप रहे, खासकर तब, जब अपराधी पश्चिमी देशों की सेनाओं के सिपाही थे.
इस डॉक्युमेंट्री में इनमें से कुछ पीड़ितों की कहानियाँ सुनी जा सकती हैं. उनके बच्चों और नाती-नातिनों से बात की गई है, साथ ही इतिहासकारों से भी बात की गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस सदमे ने उनकी पूरी ज़िंदगी पर कैसे असर डाला है. डॉक्युमेंट्री यह भी दिखाती है कि ऐसी वर्जनाओं का सीधे सामना करना कितना जरूरी है: आखिरकार, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा आधुनिक युद्ध का भी एक अहम हिस्सा है.
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