क्या वर्तमान परिस्थितियों में ध्यान करना आवश्यकता है या हमारी इच्छा पर निर्भर करता है?
जैसा कि हम महसूस कर रहे हैं वर्तमान में चाहे युवा हो, ग्रहणी हो, विद्यार्थी हो, नौकरी पेशा व्यक्ति हो या जीवन में किसी भी क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग हों, कई प्रकार के तनाव से ग्रसित हैं।व्यक्तियों को कई ऐसी बीमारी है ,जिसका हल वे सोचते हैं कि दवाइयों से या जीवन शैली में परिवर्तन से प्राप्त किया जा सकता है परंतु वास्तविकता यह है कि कई बीमारियों जैसे कि अनिद्रा, बी.पी., शुगर, हाइपरटेंशन का कारण मन का विचलित और परेशान रहना है और मन को व्यवस्थित किए बिना स्वयं को शांत, खुश और प्रसन्न रह पाना असंभव है।
तो यह एक विचारणीय प्रश्न है कि वर्तमान परिस्थितियों में ध्यान अनिवार्य है या एक्षिक...!
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