परम पूज्य अनन्त श्री विभूषित श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ श्री स्वामी अखण्डानन्द अवधूत जी महाराज द्वारा श्री भगवत्पाद शंकराचार्य द्वारा विरचित अपरोक्षानुभूति ग्रन्थ का सरल भावार्थ।